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Farmer Tips: हरियाणा में कड़ाके की ठंड हुई शुरू, किसान गेहूं और सरसों की फसलों को ठंड से बचाने हेतु अपनाएं ये तरीके

हरियाणा प्रदेश के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात, कुरुक्षेत्र, भिवानी और चरखी दादरी आदि जिलों में बंपर मात्रा में किसानों द्वारा गेहूं और सरसों की फसल की बिजाई की जाती है। देश में गेहूं की बिजाई भी सबसे अधिक पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में ही की जाती है। लेकिन अब इन प्रदेशों में लगातार बढ़ रही ठंड ने किसानों के माथे की चिंता की लकीरों को बढ़ा दिया है। हरियाणा प्रदेश में तापमान गिरकर जीरो डिग्री तक पहुंच चुका है। जिसके चलते किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान हो रहा है।
 
  गेहूं की फसल का सर्दी से बचाव के तरीके
हरियाणा प्रदेश में होती है गेहूं और सरसों की बंपर मात्रा में बिजाई 

Farmer protect crops from cold Tips:  हरियाणा प्रदेश में दिन प्रतिदिन कड़ाके की ठंड (HARYANA WEATHER) में बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में ठंड में और भी बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में हरियाणा प्रदेश के हिसार जिले में सबसे कम तापमान दर्ज किया जा रहा है। इस जिले का तापमान हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से भी कम दर्ज किया गया है। प्रदेश के कई जिलों में लगातार तापमान गिरावट के साथ माइनस डिग्री के नजदीक पहुंच रहा है। ऐसे में सबसे अधिक चिंता किसानों को अपनी फसलों की हो रही है। प्रदेश में लगातार बढ़ रही ठंड किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। बढ़ती ठंड के बीच आज हम किसानों को गेहूं और सरसों की फसल को ठंड से होने वाले नुकसान से कैसे बचाया (Ways to protect crops from cold) जा सकता है, इसके बारे में बताने जा रहे हैं। 

हरियाणा प्रदेश में होती है गेहूं और सरसों की बंपर मात्रा में बिजाई 

हरियाणा प्रदेश के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात, कुरुक्षेत्र, भिवानी और चरखी दादरी आदि जिलों में बंपर मात्रा में किसानों द्वारा गेहूं और सरसों की फसल की बिजाई की जाती है। देश में गेहूं की बिजाई भी सबसे अधिक पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में ही की जाती है। लेकिन अब इन प्रदेशों में लगातार बढ़ रही ठंड ने किसानों के माथे की चिंता की लकीरों को बढ़ा दिया है। हरियाणा प्रदेश में तापमान गिरकर जीरो डिग्री तक पहुंच चुका है। जिसके चलते किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान हो रहा है।

किसान गेहूं और सरसों की फसल को समय से एक दिन पहले दे पानी 

प्रदेश में इन दिनों लगातार बढ़ रही ठंड के कारण किसानों की गेहूं और सरसों की फसलों को अब नुकसान होने लगा है। किसानों को अपनी फसल को बढ़ रही सर्दी से बचाने (Ways to protect crops from cold) हेतु समय पर ही नहीं बल्कि समय से एक दिन पहले ही पानी देना होगा। अगर फसल को समय से पानी मिलेगा तो सर्दी के कारण पाला मारने की समस्या से फसलों को नुकसान नहीं पहुंचेगा। इसके अलावा किसान गेहूं और सरसों की फसलों में रात के समय पानी देने की बजाय दिन के समय में पानी देने का प्रयास करें।

फसलों को नहर का पानी देने के दौरान साथ में चलाएं ट्यूबवेल 

Ways to protect crops from cold

किसानों को गेहूं और सरसों की फसलों को सर्दी से बचने हेतु अब कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है। अगर किसान अपनी गेहूं और सरसों की फसलों में पानी दे रहे हैं तो नहर के पानी के साथ ट्यूबवेल अवश्य चलाएं। क्योंकि दिसंबर के महीने में बढ़ती ठंड के कारण नहरों में पानी काफी ठंडा आता है और ट्यूबवेल का पानी गर्म होता है। अगर ट्यूबवेल का पानी नहर के पानी से मिल जाएगा तो यह पानी गर्म हो जाएगा और फसलों को इससे फायदा मिलेगा। सर्दी के मौसम में फसलों में सिंचाई के तौर पर ठंडा पानी लगाने से नुकसान हो सकता है। 

गेहूं और सरसों की फसलों में खाद का करें उचित प्रयोग 

किसानों को पानी लगाने के दौरान गेहूं और सरसों की फसलों में खाद का उचित प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि खाद का उचित प्रयोग करने से जमीन में गरमाइश पैदा होती है। जमीन में गरमाइश होने से फसलों को होने वाले सर्दी से नुकसान में कमी देखने को मिलेगी। इसके अलावा कुछ खेतों में किसी कारणवश फसलें कमजोर होती है। ऐसी फसलों को उचित मात्रा में खाद मिलने पर सर्दी से लड़ने की अतिरिक्त ताकत मिलेगी। सर्दी के मौसम में रात के समय में घूमने वाले बेसहारा पशुओं की निगरानी भी किसानों को रखनी चाहिए। यह बेसहारा पशु चारा खाने हेतु गेहूं के फसलों में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। सर्दी के मौसम में रात के समय में ठंड पड़ने के कारण फसलों के पत्ते कड़क हो जाते हैं। जब पशु गेहूं की फसलों से गुजरते हैं तो सर्दी की वजह से कड़क हुए पौधे टूटने से भी फसलों में काफी नुकसान पहुंचता है।