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अब हरियाणा में यह नंबर जडेजा ए आई से, इमरजेंसी में तुरंत पहुंच जाएगी पुलिस


 
 

हरियाणा में डायल 112 अब आर्टिफि​शियल इंजेलिजेंस यानी एआई से जुड़ेगा। इससे इमरजेंसी में तुरंत मौके पर पुलिस पहुंच जाएगी। फिलहाल मैनुअल डिस्पैज सिस्टम से काम चल रहा है, इसकी जगह ही एआई को संचालित किया जाएगा। इससे ऑटो डिस्पैच सिस्टम शुरू हो जाएगा। इसका पायलट प्रोजेक्ट जुलाई में शुरू हो जाएगा। अब तक हरियाणा की डायल 112 पुलिस को 2.31 करोड़ से अ​धिक कॉल प्राप्त हो चुकी हैं। प्रदेश में अब तक इन कॉल पर 46.60 लाख वाहन भेजे गए हैं। इसका मतलब है कि पुलिस की गाड़ियों के इन ​शिकायतों को दूर करने के लिए 46.60 लाख चक्कर लग चुके हैं।
 

हरियाणा पुलिस द्वारा आपात ​स्थिति में तुरंत पहुंचने के लिए डायल 112 यूनिट चलाई जा रही है। कोई भी व्य​क्ति इमरजेंसी में 112 डायल करके पुलिस की सहायता ले सकता है। पुलिस की गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंच जाती है। फिलहाल इसमें कॉल मैनुअल तरीके से डिस्पेच की जाती हैं, यानि कॉल को संबं​धित क्षेत्र की डायल 112 तक भेजने के लिए मैनुअल तरीके से काम किया जाता है। अब इसकी जगह एआई को लाया जाएगा। ऐसे में कॉल डिस्पैच का काम ऑटोमेटिक हो जाएगा। इससे समय बचेगा और तुरंत कॉल संबं​धित थाने की पुलिस यानी डायल 112 तक पहुंच जाएगी। 


हर साल बढ़ती जा रही कॉल की संख्या
यदि हम पुलिस के इस आपातकाल की टीम की बात करें तो अभी तक पुलिस को जितनी भी कॉल रिसीव हुई, उनके समाधान के लिए 46 लाख 60 हजार बार गाड़ियां भेजी गई हैं। अप्रैल में ही 6 लाख 6 हजार 39 कॉल प्राप्त हुई हैं। यदि पिछले साल की बात करें तो अप्रैल में 5 लाख 35 हजार 111 कॉल प्राप्त हुई ​थी। यदि वर्ष 2022 की बात करें तो अप्रैल महीने में 4 लाख 68 हजार 359 कॉल प्राप्त हुई थी। इसी प्रकार हर वर्ष पुलिस के पास आने वाली कॉल की संख्या बढ़ी है। 


पुलिस के पहुंचने के समय में आ रही कमी
पुलिस रिस्पांस टीम ​शिकायत मिलते ही तुरंत ​शिकायतकर्ता के पास पहुंच रही है। 2022 में यह टीम 12 मिनट चार सेकेंड में औसतन ​​शिकायतकर्ता के पास पहुंच रही थी। इस साल की बात करें तो अप्रैल में केवल 7 मिनट 3 सेकेंड में टीम पहुंच गई। यदि हम मेडिकल इमरजेंसी की बात करें तो 2022 में टीम 25 मिनट 44 सेकेंड में हादसे की जगह पहुंची हैं। वहीं इस साल में 12 मिनट 50 सेकेंड में पहुंच गई। 


हर जिले में 5 ईआरवी तैनात
प्रदेश के मुख्य सचिव के अनुसार हर जिले में पांच इमरजेंसी प्र​तिक्रिया वाहन यानी ईआरवी तैनात किए गए हैं। ऐसे में आपातकालीन परि​स्थितियों में सेवाओं की क्षमता और पहुंच में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश की गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि सभी जिलों में अस्पतालों की मैपिंग करने की जरूरत है। इससे सड़क दुर्घटना होने पर कम से कम समय में चिकित्सा सहायता मुहैया करवाई जा सकती है। 


अपमानजनक कॉल को किया जा रहा ब्लॉक
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि कई बार डायल 1ृ12 के पास अपमानजनक कॉल आ जाती हैं। इन लोगों को चेतावनी दी गई है। अब इन कॉल को ब्लॉक करने की व्यवस्था शुरू कर दी है। ऐसे में आपातकाल सेवाओं के दुरुपयोग में कमी आएगी। इसके अलावा बार-बार अपराध करने वालों का भी रिकॉर्ड रखा जा रहा है। पांचवीं बार ऐसा होने पर ईआरवी यानी इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल भेजा जाता है। ऐसा करने से अपमानजनक कॉल की संख्या में कमी आई है। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस और अ​ग्निशमन वाहनों में बेहतर समन्वय के लिए सिम कने​क्टिविटी और मोबाइल डिवाइस लाइसेंस के साथ 423 मोबाइल डेटा टर्मिनल यानी एमडीटी खरीदे गए हैं।

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