Haryana News: हरियाणा के किसान बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का 72 घंटे में करें पंजीकरण, मिलेगा पूरा मुआवजा

Meri fasal Mera Byora: हरियाणा प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। बीते शुक्रवार को प्रदेश में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण कई जिलों के किसानों की फसलें ओलावृष्टि से पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। शुक्रवार को हरियाणा प्रदेश के फतेहाबाद और हिसार जिले के किसानों को भारी ओलावृष्टि के कारण काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई हेतु मुआवजे की घोषणा की है। प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि से जिस किसान की फसल को नुकसान हुआ है वह बेहतर घंटे के अंदर ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर खराब हुई फसल का पूरा ब्यौरा दर्ज कर सकते हैं। प्रदेश के किसान 72 घंटों के अंदर-अंदर ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर बारिश और ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई फसल की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व सीड विकास कार्यक्रम के तहत कवर किसानों को नहीं मिलेगा इस सुविधा का लाभ
हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों का बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की स्थिति में आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली शुरू की गई है। लेकिन जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और सीएम बागवानी बीमा योजना व सीड विकास कार्यक्रम के तहत पहले से कवर हैं, उन किसानों को हरियाणा सरकार की प्रणाली के तहत मिलने वाली सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। प्रदेश के जिन किसानों को गेहूं और सरसों की फसल में ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है वह अपनी खराब हुई फसल के मुआवजा हेतु 72 घंटों के अंदर आवेदन कर सकते हैं। किसानों द्वारा अपनी खराब फसल का आवेदन करने के बाद उन्हें फसल में नुकसान की भरपाई हेतु सरकार की तरफ से पूर्ण मुआवजा दिया जाएगा।
‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पर उपलब्ध करवाए गए काश्तकार के सत्यापित खाते में सीधे जमा होगी मुआवजा राशि
प्रदेश सरकार द्वारा बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों में हुए नुकसान की भरपाई हेतु जो मुआवजा राशि दी जाएगी वह ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पर दर्ज किए गए काश्तकार के सत्यापित खाते में सीधे जमा कर दी जाएगी। किसान मुआवजा राशि प्राप्त करने हेतु ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। किसान पंजीकरण करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि संबंधित खसरा नंबर “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना" और “मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना" व “सीड विकास कार्यक्रम" के तहत पंजीकृत नहीं होना चाहिए। सरकार द्वारा शुरू किए गए “मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर किसान किसी भी समय अपने आवेदन की स्थिति भी देख सकते हैं।
पंजीकरण करने के दौरान किसान इन बातों का रखें विशेष ध्यान
हरियाणा प्रदेश के किसान भाई बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुई फसलों के मुआवजे हेतु पंजीकरण करने के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखें। किसानों को बता दें कि पंजीकरण के दौरान संबंध किसान का मोबाइल नंबर और परिवार पहचान पत्र या ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पंजीकरण नंबर में से कोई एक का होना अनिवार्य है। किसानों को बता दें कि खराब फसल के मुआवजे हेतु सरकार ने अलग-अलग स्लैब निर्धारित किए हैं। जिस किसान की फसल में जितना नुकसान हुआ है उसकी गिरदावरी करने के बाद उसे उसी हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।