सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत झींगा पालन के लिए दिया जा रहा है 40 से 60% अनुदान, आज ही अपना नया बिजनेस शुरू करें

किसान परंपरागत खेती में बदलाव कर फसल विविधीकरण अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। किसान झींगा पालन कर अपनी आय के स्रोत को बढ़ा सकते हैं।
सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत अनुदान झींगा पालन के लिए दिया जा रहा है। योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के लाभार्थियों और महिलाओं को मछली पालन पर 60 प्रतिशत अनुदान व सामान्य वर्ग के मछली पालकों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
निजी भूमि या पट्टे की भूमि में तालाबों के निर्माण, मछली व सफेद झींगा फीड मील, हैचरी, कोल्ड स्टोर लगाने पर मत्स्य पालन विभाग से वित्तीय व तकनीकी सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों को मछली पालन करते हुए तीन वर्ष हो गए हैं उनको तालाब सुधार के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है। विभाग में इसी तरह सोलर, मछली बेचने के लिए फिश किओस्क मोटरसाइकिल व श्री व्हीलर पर भी अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पंचायती तालाब जिन्हें मत्स्य पालन के लिए पट्टे पर लिया है, उन तालाबों की पट्टा राशि व खाद खुराक, जाल की खरीद व रेहड़ी पर भी अनुदान दिया जाता है। जिन ग्राम पंचायतों के पास अनुपयोगी पंचायती भूमि है जो कृषि योग्य नहीं है, वह पंचायतें मछली पालन के लिए आठ वर्ष के लिए पट्टे पर जगह दे सकती हैं। जिससे पंचायतें गांव के राजस्व में बढ़ोतरी के साथ गांव के बेरोजगार युवकों को रोजगार प्रदान कर सकती हैं।