Jind News: मोतीलाल स्कूल में रक्तदान शिविर आयोजित कर 54 यूनिट रक्त किया गया एकत्रित

Jind News: जींद स्थित मोतीलाल नेहरू पब्लिक विद्यालय में एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) की ओर से एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और जरूरतमंदों की सहायता करना था। रक्तदान शिविर में विद्यालय के स्टाफ, छात्रों, और अन्य अतिथियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि रुद्राक्ष मिढ़ा साथ ही अन्य सम्मानित अतिथियों में रॉबिन आशरी, नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला और जिला युवा अधिकारी हरप्रीत ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए रक्तदान के फायदों और समाज में इसके योगदान पर चर्चा की। विद्यालय के प्राचार्या रविंद्र कुमार ने रक्तदान के महत्व पर जोर दिया और इसे "मानवता की सच्ची सेवा" बताया। उन्होंने विद्यालय के स्टाफ और छात्रों को इस नेक कार्य में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और सभी रक्तदाताओं की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि रुद्राक्ष मिढ़ा ने कहा कि "रक्तदान सिर्फ एक जीवन नहीं बचाता, बल्कि यह समाज में मानवता और सेवा की भावना को भी मजबूत करता है।" उनके इस संदेश ने उपस्थित लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। शिविर में रक्त संग्रहण के लिए एक मेडिकल टीम उपस्थित थी, जिसका नेतृत्व डॉ. राजेश भोला कर रहे थे। उन्होंने रक्तदान प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए। रक्तदान शिविर में कुल 54 से अधिक यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। जींद फोटोग्राफी एसोसिएशन के प्रधान बलजीत सिंह रेढू ने 36वीं बार अपने पूरे परिवार के साथ रक्तदान दिया। विद्यालय के स्टाफ ने इस अभियान में बड़ी संख्या में भाग लिया और छात्रों को भी प्रेरित किया।
शिविर के अंत में सभी रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष संदीप दहिया और प्राचार्य रविंद्र कुमार ने रक्तदाताओं और आयोजन में सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमारा विद्यालय हमेशा समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा। विद्यालय प्रशासक वीपी शर्मा और हैड कोआर्डिनेटर सुरेंद्र कुमार ने कहा कि रक्तदान शिविर का आयोजन न केवल एक सामाजिक सेवा है, बल्कि यह एक ऐसा मंच बना जिसने समाज में जागरूकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब शिक्षा और सेवा का संगम होता है, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है। मोतीलाल नेहरू पब्लिक विद्यालय ने इस रक्तदान शिविर के माध्यम से मानवता की सच्ची सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। शिविर के अंत में विद्यालय प्रशासन ने रेड क्रॉस सोसाइटी और सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का धन्यवाद किया और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस शिविर में विद्यालय अध्यापिका पूजा अग्रवाल, पूजा गोस्वामी, धीरज, कुलदीप, सुमन, प्रदीप, नीतू आदि सदस्यों ने रक्तदान प्रदान किया।
बच्चों के विकास और शिक्षकों की प्रेरणा के लिए रचनात्मकता का विकास करना जरूरी : अनिल मलिक
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) के प्रांगण में क्षमता निर्माण हेतु आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागी प्राचार्यों को बाल विकास और शिक्षकों की प्रेरणा के लिए विभिन्न रचनात्मक विचार विषय पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक वक्ता के रूप में मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं हरियाणा बाल कल्याण परिषद की राज्य परियोजना बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केन्द्र के राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने शिरकत की।
राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम निरंतर चलने वाली वह प्रक्रिया है जो सभी हितधारकों तथा समुदाय को नए परिवर्तन या किसी भी नए विषय व परिस्थितियों के लिए अपने-अपने कार्यों को बेहतर तरीकों से अंजाम देने हेतु आयोजित किया जाता है। अनिल मलिक ने बताया कि बच्चों के विकास और शिक्षकों की प्रेरणा के लिए रचनात्मकता का विकास करना जरूरी है और उसके लिए जरूरी है आउट आॅफ बॉक्स सोचना। जब कोई संस्था या समुदाय एक या किसी भी सामूहिक उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ते हैं तो सफलता निश्चित ही होती है। किसी भी व्यवसाय व कार्य क्षेत्र में सफलतापूर्वक आगे बढ़ते रहने के लिए जरूरी है किसी भी तरह की मानसिक थकान, असंतोष और अवांछनीय परिस्थितियां पैदा नहीं होनी चाहिएं, जो अक्सर अरुचि के कारण पैदा होती हैं। शिक्षण क्षेत्र बहुत ही चुनौतीपूर्ण है इसमें सफलता के लिए चाहिए प्रतिबद्धता, सहनशक्ति, निरंतर विकास और इसके लिए जरूरी है प्रेरणा शक्ति, जो किसी व्यक्ति को विशेष लक्ष्य या परिणाम को हासिल करने के लिए चाहिए होती है। शिक्षकों द्वारा शिक्षण को एक अलग नजरिए से देखना चाहिए और छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान देना चाहिए। ऐसी तकनीक अपनानी चाहिए जिससे जिज्ञासा बढ़े, कायम रहे और यह तब मुमकिन होगा जब परिवेश प्रेरणादायी होगा। विद्यार्थियों व शिक्षकों की रचनात्मकता के लिए जरूरी है विचार प्रक्रिया, रायशुमारी, धारणाओं और गतिविधियों में नवीनता लाने की क्षमता बढ़ाना। शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा स्वयं को अधिक स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने के अवसर प्रदान करने चाहिए, उनकी रुचियां को जानें, सवाल पूछने हेतु जिज्ञासा बढ़ाएं तथा कौशल विकसित करने में मदद करें। प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन डाइट प्रिंसिपल विजयलक्ष्मी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला संयोजक जुगमहेंद्र ने कहा कि निसंदेह विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से आज जैसे मनोवैज्ञानिक प्रेरणादायी पद्धति पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद पैदा करते है। कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति परामर्शदाता नीरज कुमार, जसबीर भनवाला, कृष्ण चहल, वजीर दलाल, पूर्णिमा शर्मा, विनीता, ममता शर्मा, कुलबीर, जितेंद्र नाथ, संजय चौधरी इत्यादि रहे।