Haryana Govt Jobs: नायब सैनी सरकार प्रदेश के 2 लाख युवाओं को देगी सरकारी नौकरी, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

Haryana Govt Jobs: हरियाणा प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा की है। प्रदेश में हरियाणा सरकार 2 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सिहं सैनी ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा, 'हमारे पास युवा शक्ति के रूप में एक बहुत बड़ी दौलत है। हमने इस दौलत को संभालने के लिए युवाओं का कौशल विकास करके उन्हें स्वावलंबी बनाया है। साथ ही बिना खर्ची-पर्ची के योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां देकर उनके मनोवल को बढ़ाया है। इसी मिशन के तहत हमने हाल ही में हमने 26000 युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बिना पर्ची, बिना खर्ची के नौकरी देने की नीति को हमारे हरियाणा की पहचान बताया है। हम अपने इस मिशन को ऐसे ही जारी रखेंगे और 2,00,000 युवाओं को पक्की सरकारी नौकरियां देंगे। हम हरियाणा के सभी अग्निवीरों को भी सरकारी नौकरी की गारंटी प्रदान करेंगे। इसके अलावा युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देंगे। उन्हें स्वयं रोजगार के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
इससे पहले हमने आउटसोर्सिंग पॉलिसी व हरियाणा कौशल रोजगार निगम अनुबंधित कर्मचारियों की नौकरी को सुरक्षित कर उन्हें कर्मचारियों के द्वारा समान वेतन व सुविधाएं दी हैं।
हरियाणा सरकार की तरफ देख रहे लाखों युवाओं को सीईटी में संशोधन का इंतजार, चार साल में सिर्फ एक बार सीईटी हुआ
हरियाणा सरकार की तरफ देख रहे प्रदेश और अन्य राज्यों के लाखों युवाओं को कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) में संशोधन का इंतजार है। चार साल में सिर्फ एक बार ही ग्रुप सी और ग्रुप डी का सीईटी हुआ है जबकि सीईटी में कहा गया था कि हर साल सीईटी होगा। अगर कोई अपना स्कोर संशोधित करना चाहेगा तो वह भी कर सकेगा। मगर दोबारा सीईटी नहीं हुआ इसलिए न किसी का स्कोर संशोधित हो सका और न ही नए योग्य हुए लाखों युवा सीईटी दे पाए। सीईटी न होने के कारण उनके पास सीईटी पास प्रमाण पत्र नहीं था इसलिए वे ग्रुप सी और ग्रुप डी के सरकारी रिक्त पदों की भर्ती में शामिल नहीं हो पाए। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2020 में घोषणा की थी कि ग्रुप सी और ग्रुप डी पदों की भर्तियों के लिए सीईटी होगा। उनकी अध्यक्षता में 12 जनवरी, 2021 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सीईटी पॉलिसी को मंजूरी दी गई थी। सरकार ने 10 सितंबर, 2021 को सीईटी पॉलिसी अधिसूचित की थी। यह अलग। बात है कि सरकार ने इस अधिसूचना को समाप्त करते हुए दूसरी अधिसूचना 05 मई, 2022 को जारी हो पाई और 26 दिन बाद दोबारा संशोधित अधिसूचना 31 मई, 2022 को जारी हो पाई। लगभग डेढ़ साल तो इस पॉलिसी को फाइनल करने में लग गए। मगर इसका असर यह हुआ कि जिन लगभग 41000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पहले चल रही थी, वह सीईटी के कारण सिरे नहीं चढ़ पाई। कुछ पद विज्ञापित ही नहीं हुए थे जबकि कुछ विज्ञापित पदों को वापस ले लिया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 24 मार्च, 2021 को भोपाल सिंह खदरी को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई थी। तब उन्होंने घोषणा की थी कि हर साल कर्मचारी चयन आयोग भर्तियों का शेड्यूल जारी करेगा क्योंकि हर साल लगभग 20000 कर्मचारी रिटायर हो जाते हैं। मगर यह शेड्यूल आज तक जारी
नहीं हो पाया।
सीईटी में संशोधन पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की टिप्पणियों का हरियाणा सरकार को इंतजार
प्रदेश में भले ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग दावा कर रहा है कि सीईटी जल्द लिया जाएगा जबकि वास्तविकता यह है कि हरियाणा सरकार को सीईटी में संशोधन पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की टिप्पणियों का इंतजार है। सरकार ने गत 23 अक्तूबर को पत्र लिखकर आयोग से 25 अक्तूबर तक टिप्पणियां भेजने को कहा था मगर
आयोग ने अपना सुझाव अभी तक नहीं भेजा। हरियाणा सरकार ने आयोग को सीईटी 31 दिसंबर, 2024 तक कराने के लिए पहले ही हरी झंडी दे रखी है मगर जब तक सीईटी में संशोधन नहीं होगा तब तक सीईटी का आयोजन नहीं हो सकता। सरकार अपने स्तर पर संशोधन कर सकती है और इसके लिए चयन आयोग की सिफारिश का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। मगर बीते साढ़े तीन सालों में जो युवा सीईटी देने के लिए योग्य हो गए हैं, वे इसका इंतजार कर रहे हैं। चूंकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को असंवैधानिक करार दे दिया है इसलिए सीईटी पॉलिसी से उन्हें हटाने के लिए संशोधन
करना जरूरी है।
तीन साल के लिए वैध है सीईटी सर्टिफिकेट
हरियाणा सरकार ने सीईटी में प्रावधान किया हुआ है कि सीईटी स्कोर सर्टिफिकेट तीन साल के लिए वैध होगा। अगर कोई उम्मीदवार इसमें संशोधन करना चाहे तो दूसरे सीईटी में बैठ सकता है। मगर 5-6 नवंबर, 2022 को एक बार सीईटी होने के बाद ग्रुप सी का दोबारा सीईटी नहीं हुआ। ग्रुप डी का सीईटी तो बाद में हुआ और वह भी एक बार हुआ। योग्य होते हुए भी युवाओं को हरियाणा सरकार कोई मौका नहीं दे रही है। उन्हें सीईटी का इंतजार है।