Haryana News: हरियाणा की सरकारी स्कूलों में फर्जी दाखिले को लेकर विभाग आया एक्शन मोड में, सीबीआई ने किया केस दर्ज

Haryana News: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2014 से 2018 तक करीब 30000 फर्जी बच्चों का दाखिला हुआ है। इसे लेकर सीबीआई ने केस भी दर्ज किया है। अब सीबीआई जांच को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने 30000 फर्जी दाखिलों को लेकर जानकारी मांग रही है। बावजूद इसके निदेशालय यह जानकारी सीबीआई को उपलब्ध करवाने में विफल साबित हो रहा है। क्योंकि निदेशालय के बार-बार कहने पर भी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जानकारी उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं जबकि कैथल यह जानकारी उपलब्ध करवा चुका है। लिहाजा अब एक बार पुन निदेशालय ने कैथल को छोड़कर समस्त जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर दो दिन के भीतर हर अवस्था में यह जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
चार साल में हुए दाखिलों पर सीबीआई ने मांगी जानकारी
सीबीआई ने शैक्षणिक वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016- 17 और 2017-18 में हुए दाखिलों के संबंध में जानकारी मांगी है। जिसके मुताबिक इन सालों में कितने बच्चों का दाखिला हुआ। कितने बच्चों को मिड-डे मिल बांटा या दिया।
गया। जिसकी जानकारी स्कूल अनुसार उपलब्ध करवाई जाए। यह बताया जाए कि इन सालों में उस समय मिड-डे मिल का इंचार्ज कौन था और डीडीओ की सेशन अनुसार डिटेल उपलब्ध कराई जाए। यह सभी जानकारी स्कूलों से एक प्राफॉर्मा के तहत मांगी गई है। जिसे डीईईओ उपलब्ध करवाने में आनाकारी कर रहे हैं।
देरी होने पर मामला अधिकारियों के समक्ष किया जाएगा प्रस्तुत
महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहया गया है कि मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्ष, सीबीआई चंडीगढ़ द्वारा शिक्षा विभाग को लिखे पत्र के मुताबिक सीबीआई को 30000 फर्जी दाखिलों के संबंध में सूचना उपलब्ध करवाई जानी है। जिसे लेकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि यह सूचना 23 अक्तूबर तक तैयार करके तालमेल शाखा में भिजवाएं, परंतु खेद का विषय है कि अब तक सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई। अब पुन निर्देश दिए जाते हैं कि यह सूचना दो दिन के भीतर तैयार करके हर अवस्था में तालमेल शाखा के ईमेल आईडी पर उपलब्ध करवाएं। साथ ही सॉफ्ट कापी और हार्ड कापी भी भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि सूचना समय पर सीबीआई को उपलब्ध करवाई जा सके। मामले में किसी भी प्रकार की देरी होने की स्थिति में अनुशासनिक कार्यवाही के लिए मामला उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत किया जाएगा।