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High court: लव मैरिज करने वाले जोड़े अब इस काम के बिना नहीं ले सकते सुरक्षा, नए आदेश जारी

High court: लव मैरिज करने वाले जोड़े अब इस काम के बिना नहीं ले सकते सुरक्षा, नए आदेश जारी
 
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High court:माता-पिता व परिवार की मर्जी के बिना भाग कर शादी करने वाले जोड़ों के लिए हाई कोर्ट ने नए आदेश जारी किए हैं। भाग कर शादी करने वाले जोड़े अब सुरक्षा की मांग को लेकर सीधा हाई कोर्ट नहीं जा सकते। 

हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट ने भाग कर शादी करने वाले जोड़ों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। प्रेम विवाह करने वाले जोड़े को उनके परिवार या रिश्तेदारों से किसी भी प्रकार के खतरों से बचने के लिए स्थानीय पुलिस को शुरुआती सत्र पर उनकी शिकायतों का निपटारा करने का अधिकार दे दिया गया है। हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट ने नए दिशा निर्देश जारी करते हुए बताया कि ऐसे जोड़ों को पहले स्थानीय पुलिस में नामित पुलिस अधिकारी से संपर्क साधना होगा। नामित अधिकारी जो एएसआई के पद से कम नहीं होगा ।तीन दिनों के अंदर उनके अभ्यावेदन पर निर्णय लेना होगा।

यदि इस निर्णय से भाग कर शादी करने वाला जोड़ा  असंतुष्ट है तो जोड़े को अगले तीन दिनों के अंदर डीएसपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता वाले अपीलीय प्राधिकरण से संपर्क करना होगा।
इसके बाद डीएसपी को 7 दिनों के अंदर उनकी अपील पर निर्णय लेना होगा। इस प्रकार यह प्रक्रिया होने के बाद अगर जोड़ा डीएसपी के निर्णय से खुश नहीं है तो प्रेमी जोड़ा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। हाई कोर्ट हाई कोर्ट का मानना है कि इन उपायों को जब लागू किया जाएगा तो इससे न केवल संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि प्रशासनिक तंत्र के भीतर दक्षता और करुणा की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
जस्टिस संदीप मोदगिल ने आदेश में बताया कि इस प्रक्रिया का पालन होने पर गंभीर और गंभीर खतरे के मामलों में ही हाई कोर्ट या अन्य अदालतों में याचिकाएं दाखिल होगी। 

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने बताया कि हर दिन लगभग 90 याचिकाए ऐसी दाखिल होती है जिनमें कोर्ट का 4 घंटे से अधिक समय व्यर्थ होता है यह समय अन्य महत्वपूर्ण मामलों को सुनने में उपयोग किया जा सकता है जो पिछले कई सालों से लंबित पड़े हैं।

हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट ने पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन को इन दिशा निर्देशों पर आधारित तंत्र तैयार करने के लिए 1 फरवरी 2025 यानी 30 दीनो के अंदर लागू करने का आदेश जारी किया है। साथ साथ ही आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट 7 दिनों के अंदर दाखिल करनी होगी।

जस्टिस मौदगिल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह समय की मांग है कि राज्य द्वारा एक तंत्र बनाया जाए जो विवादों के त्वरित निपटान को सुनिश्चित करें। जो अधिकतर पारिवारिक असहमति के कारण उत्पन्न होते जा रहे हैं। हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट ने बताया कि इन नए दिशा निर्देशों का उद्देश्य प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अदालत का समय बचाना ,कानूनी खर्च और मानसिक तनाव को कम करना व प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील और प्रभावी बनाना है।
पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन को इन दिशा निर्देशों पर आधारित तंत्र तैयार करने और इसे एक महीने के अंदर लागू करने का आदेश दिया गया है