Jind News कृषि सेवाओं में एक वर्षीय डेसी डिप्लोमा का हमेटी में हुआ सम्मापन

Jind News: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय संस्थान 'मैनेज हैदराबाद' द्वारा हमेटी जींद में करवाए जा रहे एक वर्षीय डेसी डिप्लोमा कोर्स का रविवार को सम्मापन हो गया। इस अवसर पर हमेटी के निदेशक डॉ. कर्मचंद ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया। डॉ. कर्मचंद ने बताया कि यह डिप्लोमा युवाओं के लिए एक रोजगार उपलब्ध करवाने वाला कार्यक्रम है जिसके पूरा करने उपरांत युवा, कृषि से जुड़े अनेकों रोजगार जैसे खाद-बीज व कीटनाशक विक्रेता का कार्य, कृषि कार्यों के लिए कंसलटेंसी, पेस्ट कंट्रोल, खाद्य प्रसंस्करण, प्राकृतिक खेती, वैज्ञानिक विधि से फल-सब्जी या बीज उत्पादन आदि के कार्य शुरू कर सकते हैं।
आमतौर पर किसान अपने कृषि कार्यों हेतु खाद-बीज व कीटनाशक विक्रेताओं से ही सलाह लेते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने कीटनाशक विक्रेताओं को कृषि से जुड़े तकनीकी ज्ञान में सक्षम बनाने के लिए यह डिप्लोमा अनिवार्य किया है ताकि किसानों को सही समय पर सही सलाह मिल सके।
कई बार अज्ञानतावश गलत या कम-ज्यादा कीटनाशी के प्रयोग से किसान की फसल बर्बाद हो जाती है, इसीलिए कीटनाशक विक्रेता का सही ज्ञाता होना बहुत जरूरी है। डॉ. कर्मचंद ने बताया कि यह डिप्लोमा करने के लिए 48 सप्ताह तक सप्ताह में केवल एक दिन क्लास लगानी पड़ती है, जिसमें कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कृषि अधिकारियों व विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाता है। मिट्टी की जांच, वैज्ञानिक विधि से फसल उत्पादन क्रियाएं, एकीकृत कीट व पोषक तत्व प्रबंधन, खाद- बीज व कीटनाशक कानून, बागवानी तथा सब्जी उत्पादन, प्राकृतिक खेती आदि सभी विषयों बारे विशेषज्ञों द्वारा पूरी जानकारी दी जाती है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रैक्टिकल कार्य करवाने पर विशेष जोर दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान करनाल व हिसार में स्थित राष्ट्रीय व राज्य स्तर के कृषि संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण भी करवाया जाता है ताकि नवीनतम शोध कार्यों की जानकारी मिल सके। प्राकृतिक खेती या अन्य तकनीकी खेती करने वाले सफल किसानों के खेतों का भ्रमण भी प्रशिक्षणार्थियों को करवाया जाता है ताकि वह मौके पर देख कर सीख सके।
हमेटी के प्रशिक्षण सलाहकार डॉ. सुभाष चंद्र ने बताया कि आज तीन बैचों के 120 प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूरा हुआ है। आगामी बैच एक फरवरी से शुरू होंगे जिसके लिए कोई भी महिला या पुरुष जो दसवीं पास है, प्रशिक्षण संस्थान हमेटी जींद में आवेदन कर सकता है। प्रशिक्षणार्थियों का चयन पहले आओ, पहले पाओ आधार पर किया जाता है।
हमेटी जींद द्वारा यह कार्यक्रम दूरगामी जिलों के आवेदनकर्ताओं हेतु उन्हीं के जिलों के कृषि विभाग कार्यालय में आफ कैंपस मोड में भी करवाया जाता है बशर्तें उस जिले या आस-पास के जिलों के मिलाकर 40 आवेदनकर्ता हो। आज डेसी डिप्लोमा के समापन अवसर पर डिप्लोमा कार्यक्रम को चलाने वाले फैसिलिटेटर डॉ. बी पी राणा, डॉ. युद्धवीर सिंह व डॉक्टर संजीव कुमारी भी उपस्थित रहे।