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Haryana News: जींद में जिला स्तरीय तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का हुआ आगाज

गीता हमें कर्म, भक्ति और ज्ञान के महत्व को सिखाती है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिनमें जीवन के हर पहलू का समाधान छिपा है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि कर्तव्यपालन सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन अर्थात, हमें सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। गीता हमें सिखाती है कि कैसे हम अपने मन की शांति बनाए रखें, चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों। यह जीवन की उलझनों को सुलझाने के लिए प्रेरणा और साहस प्रदान करती है।
 
JIND GITA JAYANTI OPNING NEWS
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान वृंद्धावन से आए प्रसिद्ध कलाकार,भजन गायकों द्वारा दी गई गीता का सार व अन्य प्रस्तुतियां 

Haryana News: हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्णलाल मिढ़ा के पुत्र रूद्राक्ष मिढ़ा ने पटवार भवन-दिवान बाल रंगशाला में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय गीता महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गीता ज्ञान के उपलक्ष्य में 18 अध्यायों को दर्शाती भव्य प्रदर्शनी का रिबन काटकर उदघाटन किया। इस मौके पर उनके साथ जिला स्तरीय गीता महोत्सव समिति के सदस्य रवि थनई के अलावा नीरज मिगलानी, सैंटी, दिनेश मिढ़ा, राजेश चहल, केशव तिवारी, मीडिया एडवाइजर सन्नी मग्गु, अंकुर, आशीष शर्मा, लोकेश, सरीन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति व विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।रूद्राक्ष मिढ़ा ने कहा कि आज हम गीता जयंती का पावन उत्सव मना रहे हैं, लिहाजा आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण व गौरवमयी है। यह दिन हमें श्रीमदभगवद्गीता के अमर संदेशों की याद दिलाता है, जो न केवल हमारी आध्यात्मिक उन्नति का मार्गदर्शन करते हैं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यही वह शुभ दिन है जब महाभारत के युद्वक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यह उपदेश केवल अर्जुन के लिए नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति के लिए है। गीता हमें कर्म, भक्ति और ज्ञान के महत्व को सिखाती है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिनमें जीवन के हर पहलू का समाधान छिपा है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि कर्तव्यपालन सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन अर्थात, हमें सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। गीता हमें सिखाती है कि कैसे हम अपने मन की शांति बनाए रखें, चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों। यह जीवन की उलझनों को सुलझाने के लिए प्रेरणा और साहस प्रदान करती है। आज के युग में गीता के सिद्धांत और भी प्रासंगिक हो गए हैं। जब हर तरफ तनाव, असमंजस और अराजकता है। उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान हमें सही दिशा दिखा सकता है। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारे व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में भी मददगार है.

उन्होंने सभी लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने का आधार है। आइए, इस गीता जयंती पर हम इसे पढ़ने, समझने और अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से ही गीता जयंती को अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का दर्जा प्राप्त हुआ है। आज विश्व के कई अग्रणी देश भी गीता के ज्ञान को पढ़ने और समझने के लिए प्रयासरत हैं। गीता को मानव इतिहास की सबसे महान सामाजिक, धार्मिक, दार्शनिक वार्ता माना जाता है। इस अवसर पर कलाकारों द्वारा पेंटिंग से भगवान श्रीकृष्ण के चित्र को बनता देख मुख्य अतिथि द्वारा पेंटिंग में उनका सहयोग किया। गीता महोत्सव में समारोह स्थल पर विभिन्न विभागों की योजनाओं को दर्शाती 30 स्टाल लगाए गए हंै जिसका मुख्य अतिथि द्वारा अवलोकन किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन स्टॉलों के माध्यम से सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लेकर पात्र व्यक्ति इसका लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन के सहयोग से गुरूकुल विद्यापीठ पांडू पिंडारा द्वारा गीता मंडप भी स्थापित किया गया है, यहां गुरूकुल के विद्यार्थियों द्वारा तीनों दिन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा, मुख्य अतिथि व गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विधिवत रूप से गीता हवन में पूर्ण आहूति डाली।

स्टाल के माध्यम से लोगों ने की जानकारी प्राप्त 

जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव समारोह में प्रदर्शनी स्थल पर सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा सरकार की योजनाओं के साथ-साथ विभागीय प्रचार अमले द्वारा प्रचार सामग्री भी लोगों को मुहैया करवाई जा रही है, इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टाल पर लगाये गये पोषण आहार से सम्बन्धित व्यंजन व विभाग से सम्बन्धित महत्वकांक्षी योजना की जानकारी दी जा रही।
प्रदर्शनी स्थल पर हयिाणावी वाद्य यंत्रों से सुसज्जित डॉ. चैन सिहं चंचल व अन्य पार्टियों ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। नगाड़ा पार्टी ने कार्यक्रम स्थल पर मुख्य अतिथि सहित अन्य लोगों का स्वागत करते हुए अपनी बेहतर प्रस्तुति दी। आमजन इन पार्टियों के साथ सैल्फी लेते हुए दिखे और उन्होंने भी उनके साथ नृत्य करते हुए अपनी खुशी जाहिर की। वहां पर उपस्थित स्कूली बच्चे भी नगाड़ा पार्टी की प्रस्तुति को देखकर काफी रोमांचित हुए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान वृंद्धावन से आए प्रसिद्ध कलाकार,भजन गायकों द्वारा दी गई गीता का सार व अन्य प्रस्तुतियां 

सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान वृंद्धावन से आए प्रसिद्ध कलाकार,भजन गायकों द्वारा गीता का सार व अन्य प्रस्तुतियां दी गई। वहीं अन्य कलाकारों राधा कृष्ण नृत्य, हरियाणवी लोक संस्कृति पर आधारित क्लासिकल डांस की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई। शिक्षा विभाग द्वारा भी विभिन्न स्कूलों से विद्यार्थियों ने जिनमें गुरूकुल विद्यापीठ पांडू पिंडारा (गु्रप डांस), जाट सीनियर सैकेंडरी सकूल की छात्रा का म्हारी गीता जयंती कुरूक्षेत्र में आकर देखो जी ने दर्शकों की तालियां बटोरी। कार्यक्रम में मंच संचालन की बेहतरीन भूमिका रंगकर्मी रमेश भनवाला ने निभाई।