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Naina Life Story : खरखौदा की लाडली नैना को मिला सम्मान, मुख्यमंत्री ने राज्य पुरस्कार से किया सम्मानित; नैना के गांव में खुशी की लहर

Naina Life Story : खरखौदा की लाडली नैना को मिला सम्मान, मुख्यमंत्री ने राज्य पुरस्कार से किया सम्मानित; नैना के गांव में खुशी की लहर
 
Naina Life Story
Kharkhoda's darling Naina got honour, Chief Minister honored her with state award; Wave of happiness in Naina's village

Naina Life Story : खरखौदा के गांव खांडा निवासी एवं हिंदू कन्या महाविद्यालय में एनएसएस की छात्रा नैना, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के अंतर्गत बेहतरीन कार्य करने पर पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में 12 जनवरी को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के द्वारा राज्य पुरस्कार से सम्मानित हुई। सम्मान पुरस्कार में उन्हें पुरस्कार राशि 21 हजार रुपये व प्रशस्ति पत्र से भेंट किया। लाडली की उपलब्धि से परिवार और गांव वाले खुशी से झूम उठे। वहीं शनिवार को कॉलेज पहुंचने पर प्राचार्य व अन्य स्टाफ सदस्यों ने नैना का शानदार स्वागत किया।

नैना का परिवार और उनका जीवन
एक न्यूज रिपोर्टर को इंटरव्यू देते हुए नैना ने बताया कि, वह अपने परिवार में तीन बहन-भाइयों में बड़ी हैं। पिता राकेश कुमार व्यवसाय से प्रॉपर्टी डीलर हैं और मां पूनम गृहिणी हैं। उन्होंने बताया कि पूरा परिवार शुरू से ही शिक्षा के प्रति जागरूक रहे हैं। परदादा तुलीराम पराशर सेना में कैप्टन रहे हैं। दादा जयभगवान पाराशर दिल्ली से बतौर शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। आगे वो बताती हैं कि, कॉलेज में आने से पहले वह NSS के बारे में नहीं जानती थी। हिंदू कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद उन्हें NSS व इसके कार्यों के बारे में पता चला। प्राध्यापिका नीलम ने एनएसएस ज्वाइन करने के लिए उन्हें प्रेरित किया। उन्हीं की प्रेरणा से एनएसएस में ज्वाइन किया। यहां आने के बाद स्वयं में काफी बदलाव महसूस किए हैं। यहां आकर नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ, अब दूसरों से बातचीत करने में नहीं हिचकती। 

नैना को इस कारण राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया
नैना पढ़ाई के साथ-साथ सभी गतिविधियों में वह बढ़- चढ़कर भाग लेती रही है। उन्होंने नेशनल इंटीग्रेशन कैंप, यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग कैंप, एडवेंचर कैंप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। साल 2022-23 में एमडीयू रोहतक की सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेविका चुनी गई। आगे चलकर वह गणतंत्र दिवस परेड के ट्रायल के लिए चयनित हुई। नैना ने पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न स्थानों पर करीब 1100 पौधे रोपित किए और दूसरों को भी प्रेरित किया। जल संरक्षण, सड़क सुरक्षा, रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य जांच शिविर में बतौर स्वयंसेविका बेहतर कार्य किए। इन उपलब्धियों के आधार पर उनका राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

भविष्य में क्या बनना चाहती है नैना ?
हिंदू कन्या महाविद्यालय से स्नातक करने के बाद नैना आईसी कॉलेज रोहतक से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर कर रही हैं। इसके बाद नेट की तैयारी करेंगी। नैना ने बताया कि उनका सपना अध्यापिका बनना है। पिता हमेशा तीनों बहन-भाइयों को उनका उदाहरण देते हुए बेहतर शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। माता-पिता के स्पोर्ट के चलते ही वह यह उपलब्धि हासिल कर सकी हैं।