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हरियाणा में आज अचानक बदलेगा मौसम, छाए रहेंगे बादल,  सरसों और आलू की फसलों को लेकर हुई एडवाइजरी जारी 

मौसम विभाग के अनुसार आज और कल प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे पहाड़ों पर बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर भी दिखेगा। प्रदेश के 12 फरवरी के बाद उत्तर और उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।
 
आज और कल प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे
आज और कल प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे

Haryana Weather Update: हरियाणा में एक बार फिर तेजी से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। फरवरी के महीने में अप्रैल जैसी गर्मी का लोगों को एहसास हो रहा है। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ाने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। वहीं एक बार मौसम विभाग ने फिर किसानों को राहत दी है, क्योंकि अचानक प्रदेश में ठंड बढनें वाली है। 

 मौसम विभाग के अनुसार आज और कल प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे .पहाड़ों पर बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर भी दिखेगा। प्रदेश के 12 फरवरी के बाद उत्तर और उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। कई इलाकों में घनी धुंध भी दिखाई देगी। जिससे तापमान में गिरावट की संभावना है 

हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 12 फरवरी तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा। 

बीच-बीच में हवाओं के बदलाव से मौसम का रुख बदल सकता है। एक बार फिर प्रदेश में गर्मी बढ़ेगी जिससे फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है। अचानक हुए इस बदलाव से तापमान में वृद्धि होगी। वहीं शुक्रवार को हरियाणा रोहतक जिला सबसे गर्म रहा। 

जहां तापमान तकरीबन साडे 23 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया वहीं ठंडी हवाओं के चलते दिन का तापमान समान रहा ।

 सरसों और आलू की फसलों को लेकर हुई एडवाइजरी जारी 

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन विषय पर किसानों को जागरूक किया गया। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके कारण बाढ़, सूखा, कृषि संकट, खाद्य सुरक्षा और बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है, जिससे फसलों के उत्पादन में भी गिरावट आने की संभावना है।

वायुमंडल का तापमान (Atmosphere temperature) बढ़ने से विभिन्न फसलों के उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। गेहूं, सरसों, जौ और आलू सहित विभिन्न फसलों को कम तापमान की आवश्यकता होती है जबकि तापमान का बढऩा उनके लिए हानिकारक होता है, अधिक तापमान बढ़ने से मक्का, ज्वार और धान आदि फसलों का क्षरण (नाश) हो सकता है।