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रेलवे ने 172 साल बाद किया बड़ा बदलाव, अब स्लीपर डिब्बे में भी मिलेगी यह सुविधा

अब इन्हीं बदलाव के अंतर्गत अब स्लीपर कोच में यात्रा करने वाले दो करोड़ से अधिक यात्रियों को नई सुविधा देने के बारे में लिया है।

 

भारत में ट्रेन चलने की शुरूआत के 172 साल बाद रेल मंत्रालय ने करोड़ों यात्रियों की सुविधा के लिए नियम में अहम बदलाव किया है।

अब तक एसी डिब्बे में यात्रा या सफर करने वाले यात्रियों को ही वॉशरूम में हैंड वाश की सुविधा मिलती थी। 

अब नए नियम में स्लीपर या शयनयान डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों को भी यह सुविधा मिलेगी। इसके लिए रेलवे मंत्रालय ने निर्णय ले लिया है व रेलवे बोर्ड ने अधिकृत आदेश जारी कर दिए है।

रतलाम सहित देशभर में चलने वाली 12 हजार से अधिक यात्री ट्रेन के 264000 स्लीपर कोच में नई सुविधा जून माह से मिलना शुरू हो जाएगी।

भारतीय रेलवे ने पिछले दस साल में कई अहम बदलाव नीति के मामले में किए है। इनमें आईसीएफ कोच से चलने वाली सभी ट्रेन में बदलाव करते हुए जर्मन तकनीक से बने एलएचबी डिब्बे लगाना प्रमुख व बड़ा कदम है। 

अब इन्हीं बदलाव के अंतर्गत अब स्लीपर कोच में यात्रा करने वाले दो करोड़ से अधिक यात्रियों को नई सुविधा देने के बारे में लिया है।

अब तक यह सुविधा सिर्फ एसी कोच के वॉशरूम में रहती है जहां यात्रियों को हैंड वॉश मिलता है। स्लीपर या सामान्य डिब्बों के यात्रियों को सुविधा के अभाव में अपने साथ हैंडवॉश के लिए स्वयं व्यवस्था करना होती है।

लेकिन अब इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी।

रेलवे बोर्ड निदेशक अजय झा ने इस संबंध में देश के सभी जोनल रेलवे को आदेश जारी कर दिए है।

आदेश अनुसार ओबीएचएस यानी ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग की तरफ से ट्रेन के स्लीपर कोच में स्वच्छता की जाती है।

अब उनकी तरफ से ही हैंड वॉश की सुविधा भी दी जाएगी। रेल मंडल में भी वरिष्ठ कार्यालय के जारी आदेश का पालन किया जाएगा

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