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Haryana City Electric Buses : हरियाणा में फिर दिखा सिटी इलेक्ट्रिक बसों के खिलाफ प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
 

Haryanaline: प्रदर्शनकारियों ने विभाग के बेड़े में आम बसों की संख्या बढ़ाने, जनता को सुविधाएं देने व बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग की गई। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने रोडवेज अधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।
 
हरियाणा में फिर दिखा सिटी इलेक्ट्रिक बसों के खिलाफ प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

Haryana Roadways Electrict Buses: हरियाणा में अलग अलग जिलों को नई सिटी बसों की सौगात मिल रही है।  वहीँ हरियाणा रोडवज कर्मचारी इसका विरोध कर रहे है। बता दे की हिसार में निजी कंपनी की पांच सिटी इलेक्ट्रिक बसें चलाने के फैसले के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी यूनियन को रास नहीं आ रहा है। यूनियनों से बीते दिन को इनके खिलाफ डिपो में सुबह 10 से 12 बजे तक प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी की। 

कर्मचारियों ने रोडवेज अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन 
अधिक जानकरी के लिए बता दे की प्रदर्शनकारियों ने विभाग के बेड़े में आम बसों की संख्या बढ़ाने, जनता को सुविधाएं देने व बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग की गई। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने रोडवेज अधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।

डिपो प्रांगण में प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जनता के पैसे से खड़ा किए गए परिवहन विभाग का निजीकरण (Privatization) करके सरकार इसे साहूकारों को सौंपना चाहती है। इलेक्ट्रिक बसें 62 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलाने का सरकार ने निर्णय लिया है। 

एक इलेक्ट्रॉनिक बस के बदले आम 6 बसें आ सकती हैं। पूरे प्रदेश में सभी डिपो में 50-50 बसें लाने का जो निर्णय है, अगर उसकी जगह पर साधारण 300-300 बसें डिपो के बेड़े में शामिल हो तो प्रदेश में 7200 से अधिक बसें उपलब्ध हो सकती हैं मगर सरकार (Haryana Goverment)  ऐसा नहीं कर रही।

सरकार खरीदें अपनी बसें बढ़ेगा रोजगार 

 एक बस पर 6 बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। अगर इलेक्ट्रिक बसें ( Electrict Buses) ही सरकार चलाना चाहती है तो सरकार खुद अपनी बसें खरीदें और रोडवेज के बेड़े में शामिल करें।

 62 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से बसें चलाने के निर्णय से जनता पर महंगा किराया के साथ विभाग को घाटा (loss to the department) भुगतना पड़ेगा। इस स्कीम से बस में छात्र-छात्राओं व रोडवेज के स्टाफ को भी बैठने की अनुमति नहीं होगी। 

जिस निजी बस में छात्र-छात्राओं व हरियाणा रोडवेज ( Haryana Rodways) द्वारा दी जा रही 47 कैटिगिरी को सब्सिडी नहीं मिलेगी तो यह बसें आम जनता के किस काम की